Chandrapur Gas Leak | क्लोरीन गैस रिसाव से रहमत नगरके तड़पते नागरिकों को इंसाफ नहीं

Mahawani
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Photograph of AIMIM officials and CSTPs giving a presentation to the District Collector

प्रशासन की संवेदनहीनता पर AIMIM का फटकार – "हम इंसान नहीं क्या?"; क्या चंद्रपुर का नागरिक होना अब अपराध बन चुका है?

Chandrapur Gas Leakचंद्रपुर | १७ सितम्बर २०२५ की रात, चंद्रपुर के रहमत नगर की हवा में जहर घुल गया था। CSTPS (Chandrapur Super Thermal Power Station) के Sewage Treatment Plant से क्लोरीन गैस का रिसाव शुरू हुआ — शुरुआत में एक मासूम बच्चा इसकी चपेट में आया, फिर धीरे-धीरे पूरी बस्ती दम घुटने की त्रासदी झेलने लगी। सैकड़ों लोग सांस की तकलीफ, आंखों में जलन और उलझन की स्थिति में रातभर तड़पते रहे। आज एक महीना बीत चुका है — पर न तो दोषी तय हुए, न कार्रवाई हुई। सरकार की मशीनरी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि गरीब की जान इस व्यवस्था में अब कोई मायने नहीं रखती।

Chandrapur Gas Leak

प्रशासन की नींद अब तक नहीं टूटी

क्लोरीन जैसी जहरीली गैस, जो सेकंडों में जान ले सकती है, उसका रिसाव किसी आम तकनीकी गलती का मामला नहीं था। यह सीधे-सीधे लापरवाही का परिणाम था — और वही लापरवाही आज भी जारी है। १८ सितम्बर को AIMIM पार्टी के जिला अध्यक्ष अमान अहमद ने इस गंभीर विषय पर उपविभागीय अधिकारी से बैठक की। बैठक में साफ-साफ कहा गया कि १५  दिनों के भीतर जांच समिति बनाकर, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन हकीकत यह है कि १५ दिन तो दूर, एक महीना गुजर गया और जांच समिति का नाम तक किसी फाइल में नहीं दिखा। क्या ये जांच समिति भी केवल कागजों में जन्म लेकर वही खत्म हो जाएगी, जैसे दर्जनों अन्य जांचें इस जिलाधिकारी कार्यालय में मर चुकी हैं?

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१५ ऑक्टोबर को ‘इंसाफ’ की चौखट पर फिर ताले

AIMIM के जिला अध्यक्ष अमान अहमद, शहर अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी १५ अक्टूबर को जिलाधिकारी से मुलाकात के लिए पहुंचे। उन्हें मिलने तक नहीं दिया गया — यह वही प्रशासन है जो एक फाइल के लिए आम आदमी को चक्कर कटवाता है, और जब नागरिक अपनी जान की बात लेकर पहुंचता है, तो उसे RDC के पास भेजकर ‘टालमटोल का खेल’ खेलता है। AIMIM प्रतिनिधिमंडल ने जब RDC से चर्चा करनी चाही, तो उनका रवैया भी उतना ही ठंडा था। उन्होंने इस विषय को “आवश्यक चर्चा योग्य नहीं” मानते हुए महज इतना कहा — “हम देखेंगे।” यानी, नागरिकों की जिंदगी और मौत प्रशासन के लिए सिर्फ एक औपचारिक वाक्य का हिस्सा बन चुकी है।

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‘हम इंसान नहीं क्या?’ – AIMIM का सवाल प्रशासन से

अधिकारियों के व्यवहार से साफ है कि रहमत नगर और वहां के लोग उनके नजर में इंसान नहीं हैं। हमारे लोगों का मजाक बनाया गया है, हमारी जिंदगी को खिलौना समझा गया है। जबतक दोषी अधिकारियों को सजा नहीं मिलती, और यह STP यूनिट रहमत नगर से नहीं हटाई जाती — हमारी लड़ाई जारी रहेगी.
— अमान अहमद जिला अध्यक्ष, AIMIM


उनकी यह बात अब सिर्फ AIMIM की नहीं रही; रहमत नगर के नागरिकों की सामूहिक चीख बन चुकी है। जिन घरों में बच्चे अब तक डर से रात में खिड़कियां बंद कर सोते हैं, जिन महिलाओं को हर दिन सांस लेने में कठिनाई होती है — वे सब अब सवाल पूछ रहे हैं कि उनका कसूर क्या है?

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चंद्रपुर का प्रशासन – संवेदनहीनता की पराकाष्ठा

चंद्रपुर जिले की पहचान एक औद्योगिक नगर के रूप में है, लेकिन इस विकास के पीछे झुलसते हुए लोगों की कहानी कोई सुनना नहीं चाहता। CSTPS जैसे विशाल प्रकल्प की सीमा के भीतर रहमत नगर जैसे बस्तियां दशकों से धुआं, राख और रासायनिक गंध झेल रही हैं। अब जब क्लोरीन गैस जैसी जानलेवा गैस ने इन नागरिकों को अपनी गिरफ्त में लिया, तो प्रशासनिक तंत्र की उदासीनता ने यह स्पष्ट कर दिया कि औद्योगिक सुरक्षा सिर्फ रिपोर्ट में लिखने का विषय बनकर रह गया है।

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कानूनन, ऐसे गैस रिसाव की घटनाओं में तत्काल आपराधिक मामला दर्ज कर फैक्टरी अधिनियम १९४८ और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम १९८६ के तहत दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी। परंतु, यहाँ कोई एफआयआर नहीं, कोई निरीक्षण नहीं, कोई जवाबदेही नहीं। बस बैठकें, बयान, और “हम देखेंगे” जैसी बेशर्म चुप्पी।

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जांच का ढोंग या जिम्मेदारों की ढाल?

चंद्रपुर के नागरिक प्रशासन से पूछ रहे हैं — जब एक महीने में भी जांच शुरू नहीं हुई, तो उस जांच का क्या औचित्य? क्या यह सब सिर्फ समय निकालने का खेल है ताकि जिम्मेदार अधिकारी और प्लांट ऑपरेटर अपनी कुर्सी बचा सकें? क्लोरीन गैस के रिसाव की गंभीरता को समझना मुश्किल नहीं — यह वही गैस है जिसने भोपाल गैस त्रासदी जैसी भयंकर दुर्घटना को जन्म दिया था। फिर भी, यहां सब कुछ सामान्य मान लिया गया।

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कहीं ऐसा तो नहीं कि यह जांच पहले से ही ‘सेट’ कर दी गई है? कहीं यह भी तो नहीं कि दोषियों की फाइलों को ‘प्रोटेक्शन शील्ड’ में छिपा लिया गया है? यह सवाल अब सिर्फ रहमत नगर का नहीं — पूरे चंद्रपुर जिले का है।

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AIMIM का संघर्ष अब सड़क पर उतरने की तैयारी में

AIMIM ने साफ संकेत दिए हैं कि यदि आने वाले दिनों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो पार्टी इस विषय को लेकर सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी। रहमत नगर के नागरिक भी अब खामोश नहीं हैं। कई पीड़ित परिवारों ने मीडिया को बताया कि गैस रिसाव के बाद उन्हें अस्पतालों में प्राथमिक उपचार तक नहीं मिला, और सरकारी मदद का कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आया। यह मौन सिर्फ सरकारी असफलता नहीं — यह सामाजिक अन्याय की पराकाष्ठा है।

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‘STP यूनिट हटेगा या संघर्ष बढ़ेगा’ – अंतिम चेतावनी

AIMIM के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष दो स्पष्ट मांगें रखी हैं — पहली, CSTPS के Sewage Treatment Plant के रहमत नगर के पास से तत्काल स्थानांतरण की घोषणा की जाए। दूसरी, १७ सितम्बर के गैस रिसाव में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और तकनीकी कर्मचारियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर सजा सुनिश्चित की जाए।

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यदि इन दोनों मांगों पर १० दिनों के भीतर कोई ठोस निर्णय नहीं होता, तो पार्टी ने चेतावनी दी है कि रहमत नगर और आस-पास के नागरिकों के साथ व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। यह आंदोलन न केवल प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करेगा, बल्कि चंद्रपुर के विकास के उस झूठे चेहरे को भी बेनकाब करेगा जिसके नीचे नागरिकों की जिंदगी सड़ रही है।

Chandrapur Gas Leak

रहमत नगर की त्रासदी कोई सामान्य दुर्घटना नहीं — यह उस व्यवस्था की असलियत है जो विकास के नाम पर गरीबों की जान को कुर्बानी समझती है। एक महीने बाद भी जब प्रशासन ‘देखेंगे’ कहकर चुप है, तो यह चुप्पी ही सबसे बड़ा सबूत है कि इंसाफ अब फाइलों में कैद होकर रह गया है। रहमत नगर के लोग अब डर नहीं रहे — वे सवाल पूछ रहे हैं। और यह सवाल जितना प्रशासन से है, उतना ही हम सब से भी — क्या इस लोकतंत्र में गरीब की सांस की कीमत इतनी सस्ती हो चुकी है?


What caused the Rahmat Nagar gas leak in Chandrapur?
The leak was caused by the release of chlorine gas from the Sewage Treatment Plant (STP) operated by CSTPS on September 17, 2025, due to alleged negligence in safety protocols.
How many people were affected by the chlorine gas leak?
Dozens of residents, including children, suffered severe respiratory problems, with several still under critical condition even weeks after the incident.
What actions have authorities taken so far?
Officials promised an inquiry within 15 days, but no substantial investigation or accountability has been initiated, prompting AIMIM’s public protest and demand for justice.
What are AIMIM’s main demands regarding this issue?
AIMIM is demanding strict action against responsible CSTPS officials, a transparent inquiry, and the immediate relocation of the STP unit away from Rahmat Nagar to prevent future tragedies.


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