Sasti Waterlogging Crisis | प्रबंधकों की लापरवाही से सास्ती गाँव में पानी का डोह

Mahawani
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Photograph of Satti Upasarpanch Sachin Kude and activists near the well filled with water

ग्रामवासियों की चेतावनी – जनहानि हुई तो अधिकारी और कंपनी जिम्मेदार

Sasti Waterlogging Crisis | राजूरा | वर्धा नदी में आए लगातार दो बाढ़ के बाद सास्ती गाँव में गंभीर जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इसका मुख्य कारण क्षेत्रीय प्रबंधक और संबंधित कंपनी की लापरवाहीपूर्ण योजना है। बीते महीने आई बाढ़ के बाद गाँव के नाला चौकी के पास सीएमपीएल कंपनी ने सड़क निर्माण के लिए सीमेंट पाइप डाला था। यह पाइप ठीक से नहीं लगाया गया और बाद में मिट्टी से पूरी तरह बंद हो गया। नतीजतन, नाले का पानी बहने के बजाय गाँव में ही जमा हो गया।


नाले में पानी कम, फिर भी जलभराव बरकरा

पिछले एक सप्ताह में बारिश का असर काफी कम हो गया है और नाले का प्रवाह भी घट चुका है। इसके बावजूद नाला चौकी क्षेत्र में करीब १२ फीट गहरा पानी जमा है। Sasti Waterlogging Crisis इस कारण गाँव की मुख्य पेयजल स्रोत वाली कुएँ के चारों ओर भी पानी भर गया है। ग्रामीणों के लिए कुएँ तक पहुँचना मुश्किल हो गया है। वहीं छोटे बच्चे इस पानी में तैर रहे हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा और भी बढ़ गया है।


कंपनी से शिकायत, पर कार्रवाई नहीं

इस समस्या की जानकारी ग्रामीणों ने कैलिबर कंपनी के एचआर अधिकारी रोहित सिंह को दी। उन्होंने पीसी मशीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया, लेकिन खुद कोई पहल नहीं की। Sasti Waterlogging Crisis उल्टा जिम्मेदारी धोपत के मैनेजर पर डालकर वे पीछे हट गए। इससे हालात जस के तस बने हुए हैं और पानी अब भी सास्ती गाँव में डटा हुआ है।


उपक्षेत्रीय प्रबंधक का ढुलमुल रवैया

इसके बाद ग्रामीणों ने सीधे सास्ती के उपक्षेत्रीय प्रबंधक प्रसाद से संपर्क किया। उन्हें स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया गया। मगर उनका जवाब सिर्फ इतना था कि “नियोजन कर जल्द ही काम करेंगे।” व्यवहारिक रूप से अब तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई। इस ढुलमुल रवैये से ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे रहा है।


ग्रामीणों की चेतावनी – हादसा हुआ तो अधिकारी जिम्मेदार

गाँव में जमा पानी से तत्कालीन खतरा पैदा हो गया है। Sasti Waterlogging Crisis ग्रामीणों ने साफ कहा है कि अगर किसी की जान गई तो वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) बल्लारपुर क्षेत्र के अधिकारी और कैलिबर कंपनी जिम्मेदार होंगे। यदि समस्या का समाधान तुरंत नहीं किया गया तो संबंधित उपक्षेत्रीय प्रबंधक को जिम्मेदार ठहराकर सम्पूर्ण कामबंदी आंदोलन शुरू किया जाएगा।


ग्रामपंचायत और कार्यकर्ताओं का सख्त रुख

इस आंदोलन की चेतावनी के दौरान ग्रामपंचायत उपसरपंच और सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे। उपसरपंच सचिन कुडे, पुरुषोत्तम नळे, सुनीता भोगेकर, मनोज सिडाम, रचना संभोज, प्रतिका चन्ने, दीपिका जुलमे, तंटामुक्ति अध्यक्ष कैलास खवसे, आनंद मांडवाकर, किशोर देरकर, चंदू नळे, सुनील नळे, सुमन जंगलीवार, मधुकर आत्राम, अनिल गुंडेट्टी, आशिष गिरसावले, गजानन भोगेकर, कमलाकर शेंडे समेत कई ग्रामीण वहाँ पर डटे रहे। ग्रामीणों की एकजुटता से साफ है कि प्रशासन को अब गंभीरता से मामला सुलझाना ही होगा।


लापरवाही का असर – गाँव पर संकट

सिर्फ एक साधारण रखरखाव कार्य की लापरवाही से पूरे गाँव की सुरक्षा खतरे में आ गई है। पानी निकासी बंद होने से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। Sasti Waterlogging Crisis बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। पेयजल कुएँ तक पानी भर जाने से कुएँ तक जाने वाला मार्ग बंद होके पीने के पानी की समस्या भी गंभीर हो गई है। यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ तीव्र आंदोलन करेंगे।


तत्काल कार्रवाई की माँग

गाँववासियों की मुख्य माँग साफ है – सीमेंट पाइप में भरी मिट्टी तुरंत हटाकर पानी का प्राकृतिक प्रवाह बहाल किया जाए। साथ ही भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो, इसकी जिम्मेदारी संबंधित कंपनी और क्षेत्रीय प्रबंधक लें। अगर आंदोलन की चेतावनी को नज़रअंदाज़ किया गया तो इसके गंभीर परिणाम प्रशासन को भुगतने पड़ेंगे।


यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सरकारी और निजी परियोजनाओं की योजना में आम नागरिकों की सुरक्षा को अक्सर दरकिनार कर दिया जाता है। Sasti Waterlogging Crisis यदि सास्ती के ग्रामीणों का धैर्य टूट गया तो प्रशासन पर से जनता का भरोसा भी उठ जाएगा।


What caused the waterlogging problem in Sasti village?
Improperly installed cement pipes near Nala Chowki got clogged with soil, blocking the water flow and causing water to stagnate.
How deep is the water accumulated near the village?
Around 12 feet of water has accumulated near the Nala Chowki and around the main drinking water well.
Who is being held responsible for this negligence?
Villagers have blamed WCL Ballarpur officials and Caliber Company management for their inaction and mismanagement.
What action have villagers threatened if the problem is not resolved?
Villagers warned of a complete work shutdown protest and will hold officials accountable if any loss of life occurs.


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