केंद्र और राज्य सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ शत-प्रतिशत कामगारों की भागीदारी
Nationwide Workers Strike | राजुरा | केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और खदानों के निजीकरण के खिलाफ, देशभर में एकजुट होकर विभिन्न श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का ऐलान किया। इस देशव्यापी हड़ताल में बल्लारपूर क्षेत्र के सभी खदान मजदूरों ने शत-प्रतिशत सहभाग दर्शाया और इस आंदोलन को पूर्णतः सफल बनाया। भले ही भारतीय मजदूर संघ इस हड़ताल में शामिल नहीं हुआ, लेकिन हड़ताल करने वाले श्रमिक नेताओं ने स्पष्ट किया कि इससे आंदोलन की तीव्रता और सफलता में कोई फर्क नहीं पड़ा।
कामगार संघटनाओं का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकारें निरंतर मजदूर विरोधी और उद्योगपतियों के हित में नीतियाँ चला रही हैं। संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों में इन नीतियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। महाराष्ट्र सरकार "जन सुरक्षा विधेयक" लाकर आम जनजीवन, लोकतांत्रिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है, जो अत्यंत खतरनाक संकेत हैं।
केंद्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को तोड़कर केवल चार कोड में समाहित कर दिए जाने और उनमें उद्योगपतियों के हित में किए गए अन्यायपूर्ण बदलावों के खिलाफ यह हड़ताल आयोजित की गई। Nationwide Workers Strike इसके साथ ही, पेंशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, निजीकरण, नौकरियों का आउटसोर्सिंग, आंगनवाड़ी सेविकाओं की मांगें, महंगाई, किसानों के मुद्दे जैसे अनेक न्यायसंगत मांगों को लेकर देश की प्रमुख श्रमिक संघटनाएं और एम्प्लॉयीज़ एसोसिएशन्स इस आंदोलन में शामिल हुईं।
देशभर से इन प्रमुख संगठनों ने लिया भाग:
इस हड़ताल में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU), हिंद मजदूर सभा (HMS), और इंटक (INTUC) जैसे प्रमुख श्रमिक संगठन सम्मिलित हुए। वेकोलि (WCL) के बल्लारपूर क्षेत्र के सभी खदान मजदूरों ने इस हड़ताल में उतरकर तीव्रता से विरोध दर्ज कराया।
वेकोलि बल्लारपूर क्षेत्र में जबरदस्त जनजागरण:
बल्लारपूर क्षेत्र की सभी नौ खदानों में सुबह 8 बजे से द्वार सभाओं का आयोजन कर मजदूरों में व्यापक जनजागरण किया गया। Nationwide Workers Strike ये सभाएं सास्ती ओपनकास्ट, गोवरी एवं साखरी ओपनकास्ट, पोवनी 1 व 2, गोवरी डीप, बल्लारपूर भूमिगत व ओपनकास्ट, सीजीएम कार्यालय, एरिया वर्कशॉप, क्षेत्रीय अस्पताल, एरिया स्टोर आदि सभी प्रमुख स्थलों पर की गईं।
सभी खदानों में हड़ताल शत-प्रतिशत सफल:
इन सभाओं में विभिन्न यूनियनों के नेता – नंदकिशोर म्हस्के, अशोक चिवंडे, श्रीपूरम रामलू, दिलीप कनकुलवार, बबन उरकुडे, रंगराव कुलसंगे, आर. आर. यादव, रायलेंगु झुपाका, विश्वास साळवे, भद्रय्या नातारकी, गणपत कुडे, विनोद देरकर, बंडू लांडे, सुरेश डाहुले, सचिन कुडे, कनकमकुमार, गजला इरय्या, धरम पाल, विजय कानकाटे, मोतीलाल बाबू, शेख जाहिद, सीताराम आदि नेताओं ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए, सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों, अन्यायकारी कानूनों और बदलते श्रम नियमों पर तीव्र टीका की।
कामगार नेताओं ने दावा किया कि वेकोलि के बल्लारपूर क्षेत्र की सभी खदानों में यह हड़ताल शत-प्रतिशत सफल रही। Nationwide Workers Strike मजदूरों ने एकजुटता से विरोध दर्ज कर सरकार को यह संदेश दिया कि वे अन्याय को चुपचाप सहन नहीं करेंगे।
राजुरा शहर में भी हड़ताल को मिला व्यापक समर्थन:
राजुरा शहर में भी इस हड़ताल को जबरदस्त समर्थन मिला। शहर की सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों, डाक विभाग और दूरसंचार कार्यालय के कर्मचारी इस बंद में सहभागी हुए। ऑल इंडिया ग्रामीण डाकसेवक संघ के चंद्रपुर डिवीजन अध्यक्ष पंढरी झाडे ने घोषणा की कि संघ के सभी सदस्य बंद में पूरी तरह से शामिल होंगे और चंद्रपुर डाकघर के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे।
आंगनवाड़ी सेविकाएं भी शामिल:
आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन की पदाधिकारिणी वर्षा खडसे, दर्शना रागीट, माया कासेट्टीवार और संगीता खाडे ने जानकारी दी कि सभी आंगनवाड़ी सेविकाएं इस हड़ताल में सहभागी हो रही हैं और इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। Nationwide Workers Strike उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि यदि उनकी न्यायपूर्ण मांगों की अनदेखी की गई, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
श्रमिक संगठनों का स्पष्ट संदेश:
इस देशव्यापी आंदोलन के माध्यम से कामगार संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार को साफ संदेश दिया है कि वे अब और चुप नहीं बैठेंगे। निजीकरण, ठेका प्रथा, श्रम कानूनों में कटौती और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करने वाली हर नीति का तीव्र विरोध किया जाएगा। Nationwide Workers Strike सरकार की ‘कॉर्पोरेट परस्ती’ और ‘श्रमिक शोषण’ की नीतियों के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहेगी, जब तक मजदूरों को न्याय और सम्मान नहीं मिलता।
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